जानिए इस एक तकनीक ने बदल दिया स्मार्टफोन का ट्रेंड, फोन की स्क्रीन में हुआ ये बदलाव
ज्यादातर सभी स्मार्टफोन कंपनियां अपने डिवाइस में बेजल को हटा रही हैं। इससे फोन की साइज के बराबर डिस्प्ले तो मिलता ही है साथ ही आपका फोन स्लिम दिखता है।
टेक डेस्क: स्मार्टफोन के डिस्प्ले के पास जो फ्रेम आपको दिखाई देता है उसे बेजल कहते हैं। बेजल के कारण आप फुल व्यू डिस्प्ले का मजा नहीं उठा पाते थे। लेकिन अब ज्यादातर सभी स्मार्टफोन कंपनियां अपने डिवाइस में बेजल को हटा रही हैं। इससे फोन की साइज के बराबर डिस्प्ले तो मिलता ही है साथ ही आपका फोन भारी भरकम दिखने के बजाए स्लिम दिखता है। बेजल लेस डिस्प्ले फोन की एक्ट्रा साइज को तो कम करते ही हैं साथ ही इसमें आपको शानदार डेप्थ क्वालिटी मिलती है। यानी स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो जितना ज्यादा होगा उतना ही फोन का फ्रेम कम होगा। आसान भाषा में समझें तो मान लिजिए आपके फोन की साइज 6 इंच की है लेकिन इसका डिस्प्ले 5.88 इंच का है। तो यहां .22 इंच का जो फ्रेम है उसे बेजल कहते हैं। इसी बेजल को कम करने के लिए कंपनियां स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो को बढ़ा रही हैं। जानते हैं वो कौन से लोकप्रिय स्मार्टफोन्स हैं स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो सबसे ज्यादा है।
सैमसंग
- स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो: 83.6 फीसदी, 84.2 फीसदी और 83.2 फीसदी
- स्क्रीन साइज: 5.8 इंच, 6.2 इंच और 6.3 इंच
5.8 इंच की इनफिनिटी डिस्प्ले के साथ सैमसंग गैलेक्सी एस9 में स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो एस9 प्लस के मुकाबले ज्यादा है। फोन के ऊपर और नीचे की तरफ एक पतला बेजल है। इसके साथ फोन के स्लाइड्स पर भी बहुत पतला बेजल है। हालांकि फोन को एक बार देखने में ये बेजल पता नहीं चलते हैं। सैमसंग ने अपने होम बटन को पहले ही हटा दिया था। इसलिए फोन के नीच दिया गया बेजल खाली है। जबकि ऊपर दिए बेजल में आपको प्रोक्सिमिटी सेंसर, इयरपीस और सेल्फी कैमरा मिलता है। सैमसंग के ये फोन बाजार में मिलने वाले बड़े डिस्प्ले में शामिल हैं। इन स्मार्टफोन्स के डिस्प्ले में आपको 18.5:9 का एस्पेक्ट रेश्यो मिलता है।
आसुस
- स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो: 83.6 फीसदी
आसुस के स्मार्टफोन में स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो ज्यादा मैनेज लगता है। इसका एक बड़ा कारण फोन के नॉच का 26 फीसदी छोटा होना है। कंपनी के दावा किया था कि इसके डिवाइल में स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो 90 फीसदी है लेकिन रियेलिटी की बात करें तो इसका प्रतिशत 83.6 फीसदी है। फोन के डिस्प्ले का 19:9 एस्पेक्ट रेश्यो इसे ज्यादा आकर्षक बनाता है। आसुस जेनफोन में नीचे की तरफ बेजल दिया गया है। हालांकि फोन आईफोन एक्स की तहर दिखता है और ये उन यूजर्स के लिए एक बेहतर विकल्प है जो कम कीमत में आईफोन एक्स जैसा लुक चाहते हैं।
शाओमी
- स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो: 83.6 फीसदी
शाओमी ने अपने फोन में 91.3 फीसदी स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो का दावा किया था लेकिन रियेलिटी की बात करें तो फोन में 83.6 फीसदी रेश्यो मिलता है।
आईफोन
- स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो: 82.9 फीसदी
आईफोन एक्स के लॉन्च होने से पहले कई अफवाहें थी लेकिन फोन जब लॉन्च हुआ तो उसमे कई बदलाव देखे गए। एप्पल ने अपने आईफोन एक्स में सबसे पहले नॉच फीचर का इस्तेमाल किया था, जिसको लेकर शुरू में काफी मजाक उड़ाया गया था लेकिन अब दूसरी कंपनियों ने भी नॉच फीचर को अपने फोन में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। कहना गलत नहीं होगा कि एप्पल की पहल आज ट्रेंड बन गई है। फोन में 2436 x 1125 पिक्सल का रेजोल्यूशन है और इसका एस्पेक्ट रेश्यो 19.5:9 है।