जानें मशीनों को इंसानी दिमाग देने वाली ये तकनीक क्यों हो सकती है आपके लिए खतरनाक
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक तकनीक नहीं बल्कि कई तकनीकों का एक परिवार है। यह आपकी आदतों को याद करता है और
जरूरत के हिसाब से आपकी मदद करता है।
टेक डेस्क: मौजूदा समय में ऐसी कई तकनीक हैं जो हमारा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। ब्लॉकचैन, क्रिप्टोकरेंसी, आईओटी, बिग डाटा एनालिसिस, साइबर सिक्योरिटी और ड्रोन जैसी तकनीक ने हाल के दिनों में तकनीक की परिभाषा बदल दी है। हम वर्चुअल रियेलिटी, ऑग्युमेंटेड रियेलिटी और मिक्सड रियेलिटी जैसी तकनीक के साथ ड्राइवरलेस कार और प्लेन्स की बात करते हैं। इस सब के बीच एक ऐसी तकनीक है जिसके बिना डिजिटल वर्ल्ड की कल्पना नहीं की जा सकती है। इस तकनीक का नाम है आटिफिशियल इंटेलिजेंस। साल 2018 को आटिफिशियल इंटेलिजेंस का साल कहा जा रहा है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसा क्या खास है इस तकनीक में जिसके बिना आपके स्मार्टफोन से लेकर दुनिया की सारी मशीनें साधारण सी लगने लगेंगी।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कई चीजें शामिल हैं जैसे लास्ट मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, इमेज रिकग्निशन, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, विजन सिस्टम, न्युरल नेटवर्क, पैटर्न रिकग्निशन, टेक्स्ट माइनिंग, टूल्स और टेकनीक इत्यादी।
आसान भाषा में समझाएं तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किसी भी मशीन का दिमाग है, जो आपके काम को नोटिस करता है और आपकी आदतों को याद करता है। उदाहरण के लिए जब आप अपने फोन पर कुछ टाइप करते हैं तो फोन आपको कुछ संभावित शब्दों की जानकारी देता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ये संभावित शब्द आपके स्मार्टफोन में आते कहां से हैं? दरअसल ये शब्द आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की देन है जो आपकी आदतों को याद करते हुए और जरूरत के मुताबिक आपके सामने आते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक साधारण से फोन को स्मार्टफोन बनाता है।
क्यों खास है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोई एक तकनीक नहीं बल्कि कई तकनीकों का एक परिवार है। इसके एप्लिकेशन की क्षमता को कोई छोर नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपकी आदतों को याद करता है और जरूरत के मुताबिक आपकी मदद करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल एक स्मार्टफोन से लेकर एक सैटेलाइट तक में होता है।
एक नहीं कई काम आता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपके स्मार्टफोन से लेकर स्वास्थ्य, परिवहन, निर्माण, कस्टमर सर्विस, शिक्षा, मार्केटिंग, मीडिया, सिक्योरिटी जैसे तमाम क्षेत्रों में काम आता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्या हो सकता है नुकसान ?
गूगल ने हाल ही में अपने वायस बेस्ड सर्विस को अपडेट करते हुए ‘गूगल डुप्लेक्स’ फीचर्स को पेश किया है। यह फीचर आपसे इंसानों की तरह बात करता है। साथ ही ये आपके लिए किसी होटेल, सैलून में सीट तक बुक कर सकता है। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में रोजगार तो छिनेगा ही साथ ही यह मशीनों को अपना दिमाग देने का काम करता है। लोगों का कहना है कि इस तकनीक की वजह से आगे चल कर मशीनें इंसानों की तरह सोचने लगेंगी, जिसके नतीजे खतरनाक भी हो सकते हैं।